Monday, May 20th, 2024

अंतर धार्मिक विवाह में जोड़े की जानकारी सार्वजनिक करना जरूरी नहीं- HC

   लखनऊ
अंतर-धार्मिक जोड़ों की शादी के लिए नोटिस का अनिवार्य प्रदर्शन अब से वैकल्पिक होगा. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बुधवार को एक आदेश देते हुए कहा कि इस तरह की शादी के लिए नोटिस लगाना अनिवार्य नहीं होगा. कोर्ट के इस फैसले से अंतर-धार्मिक जोड़ों को राहत मिलेगी.

'लव जिहाद' के मामलों के बीच शादियों के रजिस्ट्रेशन को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने बड़ा फैसला दिया है. हाई कोर्ट ने शादियों से पहले नोटिस प्रकाशित होने और उस पर आपत्तियां मंगाने को गलत माना है.

अदालत ने इसे स्वतंत्रता और निजता के मौलिक अधिकारों का हनन बताया. अदालत ने विशेष विवाह अधिनियम की धारा 6 और 7 को भी गलत बताया. अदालत ने कहा कि किसी की दखल के बिना पसंद का जीवन साथी चुनना व्यक्ति का मौलिक अधिकार है. अदालत ने कहा कि अगर शादी कर रहे लोग नहीं चाहते तो उनका ब्यौरा सार्वजनिक न किया जाए.

Source : Agency

आपकी राय

7 + 5 =

पाठको की राय